ग्रामीण विकास और सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2009-10 में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY) की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति (SC) बहुल गांवों का समग्र और सतत विकास करना है, ताकि वे हर दृष्टि से “आदर्श ग्राम” बन सकें।
Pradhan Mantri Adarsh Gram Yojana 2025 योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का मुख्य लक्ष्य है —
- अनुसूचित जाति बहुल गांवों का समग्र विकास विभिन्न केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन के माध्यम से करना।
- गैप-फिलिंग फंड (Gap-Filling Fund) के तहत ऐसी गतिविधियों को शामिल करना जो मौजूदा योजनाओं से कवर नहीं होतीं। इसके लिए केंद्र सरकार प्रत्येक चयनित गांव को ₹20 लाख तक की सहायता राशि देती है।
योजना का प्रारंभ और विस्तार
इस योजना को 2009-10 में पायलट आधार पर शुरू किया गया था। प्रारंभिक चरण में 5 राज्यों — तमिलनाडु, राजस्थान, बिहार, हिमाचल प्रदेश और असम के कुल 1000 गांवों को चुना गया। इन सभी गांवों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा “आदर्श ग्राम” घोषित किया जा चुका है।
‘आदर्श ग्राम’ की परिकल्पना
एक ‘आदर्श ग्राम’ वह होता है जहाँ समाज के प्रत्येक वर्ग को समान अवसर और सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों। ऐसे गांवों में—
- शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पेयजल, स्वच्छता और आवास जैसी सभी आवश्यक सेवाएं मौजूद होती हैं।
- सामाजिक समानता और सौहार्द का वातावरण होता है।
- प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के प्रमुख लाभ
1. समग्र ग्राम विकास
योजना का मुख्य फोकस अनुसूचित जाति (SC) बहुल गांवों को मॉडल ग्राम में परिवर्तित करना है।
2. वित्तीय सहायता
प्रत्येक गांव को ₹20 लाख तक की केंद्रीय सहायता दी जाती है ताकि आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं की कमी पूरी की जा सके।
3. ग्राम विकास योजना (VDP)
प्रत्येक गांव के लिए 5-वर्षीय विकास योजना (Village Development Plan) तैयार की जाती है, जो सर्वेक्षण और आवश्यकता विश्लेषण पर आधारित होती है।
4. योजनाओं का समन्वय
यह योजना अन्य केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं जैसे — प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-G), मनरेगा (MGNREGS), उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन (SBM) आदि के साथ जुड़ी होती है।
5. बुनियादी ढांचे में सुधार
गांवों में सड़कों, बिजली, स्वच्छता, पेयजल, स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालय, आंगनवाड़ी और अन्य सुविधाओं का विकास किया जाता है।
6. सामाजिक सशक्तिकरण
यह योजना अनुसूचित जाति समुदायों में सामाजिक जागरूकता, समावेशिता और समानता को बढ़ावा देती है।
7. निगरानी और मूल्यांकन
विकास की प्रगति को 50 से अधिक सूचकांकों (Indicators) जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आजीविका आदि के माध्यम से ट्रैक किया जाता है।
8. कोई प्रत्यक्ष नकद लाभ नहीं
इस योजना के तहत व्यक्तिगत नकद लाभ नहीं दिया जाता, बल्कि लाभ ग्राम स्तर की सुविधाओं के माध्यम से प्राप्त होता है।
पात्रता मानदंड
- गांव में कम से कम 50% अनुसूचित जाति (SC) जनसंख्या होनी चाहिए।
- कुछ राज्यों में 40% SC जनसंख्या वाले गांव भी शामिल किए जा सकते हैं।
- गांव का उल्लेख नवीनतम जनगणना आंकड़ों में होना चाहिए।
- गांव की कुल जनसंख्या कम से कम 500 होनी चाहिए।
- जो गांव पहले के चरणों में कवर हो चुके हैं, उन्हें पुनः चयनित नहीं किया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया (ऑफलाइन)
चरण 1: ग्राम प्रोफ़ाइल और समिति विवरण जमा करें
Format-1 में ग्राम की जनसांख्यिकीय जानकारी और Convergence Committee के सदस्यों का विवरण प्रस्तुत किया जाता है।
चरण 2: अवसंरचना मूल्यांकन और एक्शन प्लान तैयार करना
Format-2 में गांव की मौजूदा स्थिति और इंफ्रास्ट्रक्चर गैप की पहचान की जाती है।
Format-4 में लागत, कार्य योजना और फंडिंग का अनुमान तैयार किया जाता है।
वैकल्पिक चरण: घर-घर सर्वेक्षण
Format-3A और 3B के माध्यम से प्रत्येक घर की आवश्यकताओं का सर्वे किया जाता है और लाभार्थियों को उपयुक्त सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाता है।
चरण 3: ग्राम विकास योजना (VDP) का निर्माण और स्वीकृति
तैयार की गई VDP को जिला स्तरीय समिति (DLCC) के पास समीक्षा और अनुमोदन के लिए भेजा जाता है।
चरण 4: कार्यान्वयन और रिपोर्टिंग
स्वीकृति मिलने के बाद विकास कार्य शुरू किए जाते हैं और प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में भेजी जाती है।
चरण 5: “आदर्श ग्राम” की घोषणा
यदि गांव 70 अंकों की न्यूनतम रेटिंग प्राप्त करता है और खुले में शौच से मुक्त (ODF) होता है, तो उसे “आदर्श ग्राम” घोषित किया जाता है।
आवश्यक दस्तावेज़
- ग्राम विकास योजना (VDP)।
- बैंक खाता विवरण (कार्यान्वयन एजेंसी के लिए)।
- ग्राम PMAGY समिति का विवरण।
- समिति सदस्यों की सूची, नाम, पद, संपर्क विवरण और ग्राम पंचायत की स्वीकृति।
- निम्नलिखित क्षेत्रों में घरों की पहुंच से संबंधित डेटा (निर्धारित प्रारूप में):
- पेयजल और स्वच्छता
- स्वास्थ्य और पोषण
- सड़क और आवास
- बिजली और स्वच्छ ईंधन
- डिजिटल साक्षरता
- शिक्षा
- सामाजिक सुरक्षा
- कृषि और आजीविका
- वित्तीय समावेशन
- कौशल विकास
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY) भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में समानता, सामाजिक न्याय और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल अनुसूचित जाति बहुल गांवों को मजबूत बनाती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर, स्वच्छ, और आधुनिक सुविधाओं से युक्त मॉडल ग्राम के रूप में स्थापित करती है।
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